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HTTP/1.1 200 OKDate: Fri, 27 Dec 2024 15:26:09 GMTServer: ApacheLast-Modified: Fri, 25 Oct 2024 17:29:20 GMTETag: 17f7b-62550758f710dAccept-Ranges: bytesContent-Length: 98171X-Powered-By: PleskLinContent-Type: text/html !DOCTYPE html>html langen>head>title>Speech Therapy India, India Speech therapy, Speech Therapist, Stammering Treatment, Stammering India, Mis-Articulation, Speech Therapy in India, India speech therapy centre amer, jaipur,rajsthan,India./title>meta charsetUTF-8>meta http-equivX-UA-Compatible contentIEedge>meta nameviewport contentwidthdevice-width, initial-scale1.0>meta nameDescription contentSpeech Therapy India, India Speech therapy, Speech Therapist, Stammering Treatment, Stammering India, Mis-Articulation, Speech Therapy in India, India speech therapy centre amer, jaipur,rajsthan,India.>meta namekeywords contentIndia Speech Therapy Centre, Mr. Bhoop Singh Yadav Speech Therapy Specialist, Speech Therapy, Speech Therapy jaipur, Speech Therapy Specialist india, Speech Therapy India, India Speech therapy, Speech Therapy Courses, Speech Therapy training Centre, Speech Therapy coaching facilities, india Speech Therapy courses, speech development, speech pathologist, speech language therapist, Stammering Treatment, Stammering India, Mis-Articulation treatment, treatment of tutlana, Speech Therapy in India, stammering treatment institute india, Treatment of stammering, treatment of incurable diseases, stammering psychology, speech disorder treatments jaipur india, speech disorder treatments in jaipur india, speech therapist jaipur india, Stutter treatment, Stutter treatment india, Speech therapist for haklana, tutlana, Stammering, Stuttering, Mis-Articulation, amer, jaipur, rajsthan, India.>meta nameAuthor contentwww.indiaspeechtherapyjaipur.org>meta nameRobots contentIndex,Follow> link hrefstyle.css relstylesheet typetext/css>/head>body leftmargin0 topmargin0 marginwidth0 marginheight0 bgcolor#FBF5E7>table width800 border0 cellspacing0 cellpadding0 aligncenter bgcolorFFF0DF styleborder:#873403 1px solid;> tr> td>table width100% border0 cellspacing0 cellpadding0> tr> td>table width100% border0 cellspacing0 cellpadding0> tr> td>img srcimages/india_01.jpg width531 height146>/td> td>img srcimages/india_02.jpg>/td> /tr> /table>/td> /tr> tr> td height42 backgroundimages/menu_bg.jpg>table width100% border0 cellspacing0 cellpadding0> tr> td width8% classtxtcat>div aligncenter>a hrefindex.htm>Home/a>/div>/td> td classtxtcat>div aligncenter>a hrefstammering.htm>Stammering/a>/div>/td> td width11% classtxtcath>div aligncenter>a hrefhaklana.htm classblink>span>हकलाना/span>/a>/div>/td> td classtxtcat>div aligncenter>a hrefmisarticulation.htm>Mis-Articulation/a>/div>/td> td classtxtcath>div aligncenter>a hreftutlana.htm classblink>span>तुतलाना/span>/a>/div>/td> td classtxtcat>div aligncenter>a hrefabout_us.htm>About Us/a>/div>/td> td classtxtcat>div aligncenter>a hrefcontact_us.htm>Contact Us/a>/div>/td> td classtxtcat styleborder:none;>div aligncenter>a hrefpress_clips.htm>Press Report/a>/div>/td> /tr> /table>/td> /tr> tr> td>table width100% border0 cellspacing0 cellpadding0> tr> td stylepadding:10px; aligncenter>iframe width560 height315 srchttps://www.youtube.com/embed/0aWn9U-R3kQ frameborder0 allowaccelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture allowfullscreen>/iframe>/td> /tr> tr> td stylepadding-right:20px; padding-top:10px;>div alignright>img srcimages/printButton.gif onClickwindow.print()>/div>/td> /tr> tr> td stylepadding:0 10px;>table width100% cellpadding0 cellspacing0 border0> tr> td classhindi1>strong>हकलाना बीमारी नहीं है/strong>/td> /tr> tr> td classhindi> p>भारत में हकलाने का यह इलाज हर जगह उपलब्ध नहीं है, इस विषय की रिसर्च केवलstrong>u> वो ही विशेषज्ञ कर सकता है जो अपने जीवन में खुद हकलाने से 100% पीड़ित रहा हो/u>/strong> तथा खुद ने अपना हकलाना ठीक किया हो। मैं भूप सिंह यादव 4 वर्ष की उम्र से लेकर 24 वर्ष की उम्र तक इस हकलाने से पीड़ित रहा हुँ, अपना खुद का हकलाना ठीक करने के बाद इस विषय की सफलता पूर्वक रिसर्च करके सन् 1979 से यह सेन्टर चला रहा हूँ। अब मैं आपको बताना चाहूंगा कि सच्चाई क्या है ?/p> p>हकलाना बीमारी नहीं एक गलत आदत है, जोकि जन्म से नहीं होती है। छोटी उम्र में किसी कारण से बच्चे का श्वास छोटा होने से यह शुरू होती है। श्वास छोटा होने के निम्न कारण होते हैं :- 1. किसी बीमारी में शारीरिक कमजोरी आने से, 2. किसी के डर से, br> 3. किसी दूसरे हकलाने वाले की नकल करने से, 4. कोई दुर्घटना या कोई हादसा होने से।/p> p>किसी भी कारण से आपका श्वास छोटा हुआ और आप रूक-रूक कर बोलने लगे (क्योंकि श्वास से ही स्वर बनता है ) आप रूक-रूक कर नहीं बोलना चाहते, असलियत का आपको ज्ञान नहीं, आप रूक-रूक कर बोलने की बजाय उसी कम श्वास में ज्यादा बोलने लगे, कम श्वास में ज्यादा बोलते-बोलते आपकी बोलने की स्पीड अपनी आखरी सीमा से आगे बढ़ गई और स्पीड बढ़ने के कारण ही आप अटक कर बोलने लग गये, इस अटकने को ही आप हकलाना कहते हैं।/p> p>u>strong>इसमें साइक्लोजी क्या है?/strong>/u> जो होगा वो तो दिमाग में आयेगा ही, छोटी उम्र से आज तक लगातार अटक कर बोलने से आपके दिमाग में यह बात आ चुकी है कि आप हकलाते हैं, इसी को आप साइक्लोजी कहते हैं।br> कुछ व्यक्ति समझदार होने के बाद अपनी इस समस्या पर विशेष ध्यान देने लगते हैं, जो शब्द आपके बोलने में ज्यादा इस्तेमाल होते हैं, आपकी बोलने की स्पीड ज्यादा होने के कारण उन्हीं शब्दों पर आपको ज्यादा हकलाना महसूस होता है और उन्हीं अक्षरों को आप कठिन अक्षर समझ कर अपने दिमाग में छाँट लेते हैं कि इन विशेष अक्षरों पर मैं ज्यादा हकलाता हूँ।/p> p>हकलाने वाले व्यक्ति हर समय ठीक बोलने की कोशिश में रहते हैं। कठिन अक्षर दिमाग में छाँटने के बाद अब आपके सामने दो ही रास्ते हैं, या तो कठिन अक्षरों से संघर्ष करो या उसकी जगह दूसरा शब्द बोलो (जिसे आप आसान समझते हैं) जैसे या तो ’पा-पा-पा पानी’ बोलो या उसकी जगह ’जल’ बोलो। इस प्रकार कठिन अक्षरों से संघर्ष करने या शब्दों को बदल कर बोलने से आपकी साइक्लोजी बढती जायेगी और आप जीवन भर हकलाते रहेंगे।/p> /td> /tr> tr> td classhindi1>strong>br> आपके सवाल हमारे जवाब/strong>/td> /tr> tr> td classhindi> p> strong>u>1. हम अपनी साइक्लोजी का अनुमान कैसे लगाएँ ?--/u>/strong> यदि आपने अपने दिमाग में कठिन अक्षर (जिन पर आप ज्यादा हकलाते हैं) छाँट रखे हैं तो आपकी साइक्लोजी 30% से अधिक है, यदि नही छाँट रखे हैं तो 30% से कम है। जिनकी साइक्लोजी 50% से कम है, वे गाना गाते समय नहीं हकलाते तथा जिनकी साइक्लोजी 50% से अधिक है वे गाना गाते समय भी कठिन अक्षरों पर रूक जाते हैं। इस प्रकार आप अपनी साइक्लोजी का अनुमान लगा सकते हैं।/p> p>strong>u>2. हम शब्द के पहले अक्षर पर ही क्यों हकलाते हैं ?-- /u>/strong>आपकी बोलने की स्पीड अधिक होने के कारण आप चार या छह अक्षरों से बने शब्द को इकट्ठा बोलते हैं, इसे हम चौका या छक्का लगाना कहते हैं, जबान एक साथ चार या छह अक्षरों पर नहीं जा सकती, इसलिए आप शब्द के पहले अक्षर पर ही अटक जाते हैं।/p> p>strong>u>3. हम गाना गाते समय क्यों नहीं हकलाते ?--/u>/strong> श्वास छोटा, स्पीड ज्यादा, दिमाग में साइक्लोजी, इसी का नाम हकलाना है। गाना गाते समय इन तीनों कमजोरियों की पूर्ती हो जाती है। एक तो गाने की लाइन के शुरू में आप पूरा श्वास ले लेते हैं, दूसरा गाना गाते समय आपकी स्पीड कम हो जाती है, तीसरा आपका दिमाग अपनी समस्या से हटकर गाने की धुन में आ जाता है। इसलिए आप गाना गाते समय नहीं हकलाते।/p> p>strong>u>4. हकलाने वाले व्यक्ति में गुस्सा अधिक क्यों होता है ?-- /u>/strong>हकलाने वाला व्यक्ति सब कुछ जानते हुए भी जहां चाहे वहां नहीं बोल सकता, जिससे चाहे उससे नहीं बोल सकता, इसलिए वह अपने आपको दूःखी एवं कुंठित समझता है और ऐसे व्यक्ति में गुस्सा अधिक ही होता है।/p> p>strong>u>5. हम अजनबी व्यक्ति के सामने अधिक क्यों हकलाते हैं ? -- /u>/strong>आप जहाँ भी अपनी इस कमजोरी को छुपाकर ठीक बोलने की सोचते हैं वहीं आप ज्यादा हकलाते हैं। क्योंकि विशेष रूप से ठीक बोलने की सोचते ही आपका ध्यान अपनी इस समस्या पर जाता है, समस्या पर ध्यान जाने से डर व घबराहट के कारण आपकी बोलने की स्पीड और ज्यादा बढ़ जाती है और आप वहां ज्यादा ही हकलाने लगते हैं इसीलिए आप अजनबी व्यक्ति, उच्च अधिकारी, टिकिट खिड़की तथा टेलीफोन व मोबाइल आदि पर ज्यादा हकलाते हैं।/p> p>strong>u>6. हकलाना खानदानी रोग है या नहीं ?--/u>/strong> हकलाने में खून का सम्बन्ध नहीं होता है, इसलिए इसे खानदानी रोग तो नहीं कह सकते लेकिन अगर घर में कोई हकलाता है उसमें गुस्सा अधिक होता है, उसके डर से या उसकी नकल करने से छोटा बच्चा भी हकलाने लग सकता है, इसलिए कुछ लोग इसे खानदानी रोग समझते हैं।/p> /td> /tr> tr> td classhindi1>strong>br> हकलाने का इलाज/strong>/td> /tr> tr> td classhindi>p>हकलाने के इस इलाज में श्वास लम्बा करना, बोलने की स्पीड को कम करना और साइक्लोजी को दिमाग से निकालना है। सेन्टर में आने पर आपको श्वास लम्बा करना और स्पीड कम करने की strong>अभ्यास-विधि/strong> सिखायी जायेगी, जिसका आप यहां नियमित रूप से अभ्यास करेंगे तथा अटक कर बोलने की बजाय आपकी बोलने की स्पीड को कम करके ठीक बोलना सिखाया जायेगा। ठीक बोलना सिखाने के बाद इस इलाज में strong>नियमित रूप से ठीक बोलने पर/strong> विशेष जोर दिया जाता है क्योंकि नियमित रूप से ठीक बोलना ही कठिन अक्षरों की दुश्मनी और हकलाने की साइक्लोजी को दिमाग से निकालना है। /p> p>आज तक नियमित रूप से अटक कर बोलने से आपकी साइक्लोजी बढ़ती जा रही थी और यहाॅ आकर नियमित रूप से ठीक बोलने से आपकी साइक्लोजी निकलने लग जायेगी। नियमित रूप से ठीक बोलने से जैसे-जैसे आपकी साइक्लोजी कम होती जायेगी वैसे-वैसे ही आपकी बोलने की स्पीड बढती जायेगी और आपको 100% सफलता प्राप्त करने का एक अच्छा रास्ता मिल जायेगा।/p> p>सेन्टर में सुबह 9 बजे से सायँ 6 बजे तक नियमित अभ्यास होता है जैसे- श्वास लम्बा करना, स्पीड़ कम करना, नियमित रूप से ठीक बोलकर हमें कहानी सुनाना, लड़कों के सामने खड़ा होकर सवाल-जवाब करना व भाषण देना व सभी लड़कों के साथ ग्रुप डिस्कसन करना और सेन्टर में आने जाने वालों से बातें करना आदि।/p> p>प्रतिदिन सेन्टर में हमारा लैक्चर होता है, जिसमें सभी छात्रों को सामूहिक रूप से बैठा कर प्रैक्टिकल रूप से समझाया जाता है कि वास्तव में हकलाना क्या है तथा इसका इलाज क्या है? strong>u>यही लैक्चर यहां की अच्छी सफलता का रहस्य है, /u>/strong>क्योंकि हकलाने वाले को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि वह किस कमी से हकलाता है। इस लैक्चर से अपनी कमी का अहसास होने के बाद आप को खुद ही महसूस होगा कि अब तो मैं अपने आपको ठीक कर लूंगा, इस प्रकार आप में अपनी सफलता का पूरा आत्म-विश्वास आ जाता है।/p> p>यह इलाज सेन्टर में आने पर ही हो सकता है, घर बैठे बिल्कुल नहीं, क्योंकि बिना विधि कोई काम नहीं हो सकता, बिना गुरू के ज्ञान नहीं मिल सकता और बिना माहौल के यह अभ्यास नहीं हो सकता। सेन्टर में इलाज करवाने वाले 15-20 व्यक्ति हमेशा रहते हैं, इस माहौल में आपको भी अभ्यास करने का एक अच्छा अवसर मिलेगा। यह इलाज किसी भी उम्र में हो सकता है। इस इलाज में जितना ज्यादा समझदार व्यक्ति होगा उतना ही जल्दी ठीक होगा। इस इलाज में अधिकतर लड़के 20 से 30 वर्ष की उम्र तक के ही आते हैं।/p> !-- p>अगर आप लोकडाउन या किसी कारण से यहाॅ आने में असमर्थ हैं और घर पर हमारे समझायेनुसार अभ्यास कर सकते हैं तो आप हमारा Online कोर्स कर सकते हैं। Online कोर्स से 80-90% सफलता तो मिलेगी ही, और मन लगाकर अभ्यास कर लेंगे तो 100% सफलता भी मिल सकती है। 80-90% सफलता मिलने के बाद भविष्य मे आप कुछ दिनों के लिये यहाॅ पर आना चाहें तो आ सकते हैं, आपसे दोबारा फीस नहीं ली जायेगी, केवल रहने व खाने का ही खर्चा लगेगा।/p>--> /td> /tr> tr> td classhindi1>strong>br> हकलाने के इलाज का समय/strong>/td> /tr> tr> td classhindi>p>अगर आपका बच्चा 5 वर्ष से 8-9 वर्ष तक का है और हकलाता है तो आप खुद अपने बच्चे के साथ यहां 2 दिन के लिए आयें, हम आपको इस इलाज की अभ्यास-विधि समझा देंगे, फिर आप खुद घर पर ही अपने बच्चे को ठीक कर लेंगे। अगर 2 दिन के बाद आप और भी रूकना चाहें तो 2 दिन के कोर्स को बढ़ाकर 5 या 10 दिन का कोर्स भी कर सकते हैं।/p> p>अगर आपका बच्चा 10 से 15 वर्ष तक का है और हकलाता है तो आप 10 दिन के लिए बच्चे के साथ यहां आयें, 10 दिन तक आपके सामने बच्चे का अभ्यास होगा, (अटकना छुड़वाकर नियमित रूप से ठीक बोलने की आदत में डालना है) आप भी इस इलाज को पूरी तरह से समझ जायेंगे, 10 दिन में बच्चे को 80-90% सफलता भी मिलेगी बाकी का अभ्यास घर जाकर आप खुद करवा लेंगे।strong>!--u> स्पीच थैरेपी कहती है कि हकलाने वाले को इस विषय का विशेषज्ञ बनाओ, अगर हकलाने वाला बच्चा है तो उसकी मम्मी या पापा को इस विषय का विशेषज्ञ बनाओ। /u>--> u>स्पीच थैरेपी कहती है कि हकलाने वाले को इस ईलाज की अभ्यास विधि सिखाओ, अगर हकलाने वाला बच्चा है तो उसकी मम्मी या पापा को इस ईलाज की अभ्यास विधि सिखाओ।/u> /strong> /p> p>अगर आप 16 वर्ष से बड़े हैं और अकेले रह सकते हैं तो आप अकेले यहां आ सकते हैं। आप यहां आते ही सबसे पहले यहां के सभी छात्रों से मिलकर अपनी सन्तुष्टी प्राप्त करें, बाद में हमसे मिलें।/p> p>अगर आपके पास समय की कमी है तो आप यहां कम से कम 10 दिन के लिये जरूर आयें क्योंकि इस विषय का विशेषज्ञ बनना है। strong>बुद्धीमान व्यक्ति 10 दिन में इस इलाज की अभ्यास-विधि सीखने के बाद घर जाकर नियमित अभ्यास करके अपने आपको पूरी तरह से ठीक कर सकता है। /strong> /p> p>अगर आपके पास समय है तो आपको यहाँ आकर पूरे 30 दिन का कोर्स करना चाहिए। आपकी साइक्लोजी चाहे कम ही है, लेकिन जल्दी बोलने की आदत तो 10-15 वर्ष पुरानी है ना, कितने वर्षों से आपका श्वास और स्पीड का सन्तुलन बिगड़ा हुआ है। 100% सफलता के लिये हमारी सलाह यही है कि आप यहाँ आकर हमारे मार्ग-दर्शन में पूरे 30 दिन का कोर्स करें। मेहनती व होनहार लड़के जो मन लगाकर अभ्यास करते हैं वे 20 दिन बाद भी यहां से सन्तुष्ट होकर चले जाते हैं। आप अपनी सन्तुष्टी के लिए strong>हमारे से आपके ही राज्य के उन व्यक्तियों के मोबाइल नम्बर ले सकते /strong>हैं जो यहां से 100% ठीक होकर आज सुखमय जीवन बीता रहे है।br> u>strong>इंडिया स्पीच थैरेपी सेन्टर आमेर, जयपुर 1979 से सफलता पूर्वक चल रहा है, हजारों लड़के-लड़कियां यहां से अच्छी सफलता प्राप्त कर चुके हैं।/strong>/u>/p>/td> /tr> tr> td classhindi1>p>strong>br> हकलाने के इलाज का खर्चा/strong>/p>/td> /tr> tr> td valigntop>table width70% border1 cellspacing0 cellpadding0 aligncenter> tr> td width29% classhindi>div aligncenter>20 या 30 दिन का पूरा कोर्स/div>/td> td width28% classhindi>div aligncenter>20,00000 रूपये/div>/td> /tr> tr> td classhindi>div aligncenter>10 दिन का कोर्स/div>/td> td classhindi>div aligncenter>17,50000 रूपये/div>/td> /tr> tr> td classhindi>div aligncenter>5 दिन का कोर्स/div>/td> td classhindi>div aligncenter>15,00000 रूपये/div>/td> /tr> tr> td classhindi>div aligncenter>2 दिन का कोर्स/div>/td> td classhindi>div aligncenter>6,00000 रूपये/div>/td> /tr> /table>/td> /tr> tr> td classhindi>p>छात्रावास में रहने व खाने का खर्चा 550 रू प्रतिदिन अलग से होगा।br> यदि आप यहाँ आते समय नकदी रूपये लाना उचित नहीं समझें तो u>strong>इंडिया स्पीच थैरेपी सेन्टर/strong> /u> के नाम से जयपुर के किसी भी बैंक का बैंक-ड्राफ्ट बनवाकर ला सकते हैं।/p> p>strong>नोटः- u>चैक स्वीकार नहीं किया जायेगा।/u>/strong>br> भारत मे हमारी कहीं भी दूसरी ब्राँच नहीं है। कुछ व्यक्ति यहाँ से थोड़ा-बहुत सीखने के बाद बेरोजगारी के कारण हमारी वेब-साइट पर लिखे हुए की नकल करके और हमारे सेन्टर से मिलते-जुलते नाम रख कर, सेन्टर खोलने की कोशिश करते हैं जो सफलता नहीं मिलने पर कुछ ही दिनों मे बंद हो जाते हैं।/p>/td> /tr> tr> td classhindi1>p>strong>br> सेन्टर के नियम/strong>/p>/td> /tr> tr> td classhindi>p>1. सेन्टर में बहरे व दिमाग से कमजोर व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलता है। br> 2. छोटे बच्चों को माता या पिता की सहायता से ही 100% सफलता मिल सकती है। br> 3. सेन्टर में कभी भी छुट्टियां नहीं रहती हैं, आप प्रवेश के लिए अपनी सुविधानुसार कभी भी आ सकते हैं, लेकिन आने से पहले मोबाइल नम्बर पर सूचित करके अपनी सीट बुक जरूर करवायें। br> 4.strong> सेन्टर का टाइम - टेबल -/strong> सुबह चाय नाश्ते के बाद 9 बजे से 10 बजे तक श्वास लम्बा करने का अभ्यास। 10 बजे से 12 बजे तक बोलने की स्पीड कम करने का अभ्यास। 12 बजे से 2 बजे तक भोजन करना व आराम करना। चाय पीने के बाद सांय 2 बजे से 4 बजे तकstrong>u> बारी-बारी से सभी लड़कों के सामने खड़ा होकर सवाल-जवाब करना व भाषण देना।/u>/strong> 4 से 6 बजे तक हमारा लैक्चर होता है जिसमें सभी छात्रों को सामुहिक रूप से बैठाकर समझाया जाता है कि आपको श्वास लम्बा कैसे करना है, बोलने की स्पीड को कम कैसे करना है और साइक्लोजी को दिमाग से कैसे निकालना है ? 6 बजे सेन्टर की छुट्टी होने के बाद सभी छात्र सीनीयर-जूनीयर की जोड़ी में बाजार घुमने जाते हैं और अजनबी लोगों से बातें करते हैं। रात्री 8 बजे तक सभी छात्र वापिस आकर खाना खाकर सो जाते हैं। br> 5. आप सेन्टर में जितने दिन रहेंगे फीस व खर्चा उतने ही दिन का लगेगा, अगर आपका ज्यादा पैसा भी जमा होगा तो आपको वापिस मिल जायेगा। br> 6. छोटे बच्चों के साथ आने वाले माता-पिता को भी छात्रावास में रहने की सुविधा दी जायेगी। br> 7. हकलाना हो या तुतलाना दोनों में ही अभ्यास के द्वारा आपका इलाज होगा, आवाज का इलाज केवल अभ्यास से ही हो सकता है दवा से नहीं हो सकता। br> 8. आप इस कोर्स को टुकडों में भी कर सकते हैं। br> 9. छात्रावास में छोटे बच्चों के भोजन का कोई समय नहीं है, जब भी भूख लगे बच्चों को भोजन मिलेगा। br> 10.सेन्टर व छात्रावास में शराब पीकर आना या रहना सख्त मना है। br> strong>नोट - u>सेन्टर में प्रवेश के समय हर छात्र को पहचान हेतु मान्यता प्राप्त दस्तावेज दिखाना होगा।/u>/strong>/p> /td> /tr> tr> td classhindi1>strong>br> छात्रावास सुविधा/strong>/td> /tr> tr> td classhindi>p>आमेर जयपुर का एक सुविख्यात पर्यटन स्थल है जो रेल्वे-स्टेशन व बस स्टैण्ड जयपुर से मात्र 10-12 किलोमीटर दूर दिल्ली रोड़ पर स्थित है। लोकल बसें या आटो रिक्शा दोनों ही सुविधायें यहाँ तक आने के लिये उपलब्ध हैं।/p> p>u>strong>आमेर में मोहल्ला-मेहन्दी का बास में सीधे रोड पर ’यादव निवास’ हमारी निजी बिल्डिंग है।/strong>/u> इसी बिल्डिंग में हमारा निवास, आपका सेन्टर व छात्रावास स्थित है। छात्रावास में कमरे, चारपाई व बिस्तर के साथ मौसम के अनुसार (सर्दियों मे गीजर व गर्मियों मे पंखे, कुलर) सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।/p>/td> /tr> tr> td>div aligncenter>img srcimages/centre.jpg width499 height320 border5>/div>/td> /tr> tr> td>table width100% border0 cellspacing0 cellpadding0> tr valigntop> td classhindi> /td> td classhindi> /td> /tr> tr valigntop> td classhindi colspan2>a hrefhttps://www.youtube.com/channel/UCgCnmbP1mUv45437EiPs-VQ/videos styletext-align:center; font-size:20px; font-weight:600; target_blank> अधिक जानकारी के लिए हमारे Youtube Channel पर वीडियों देखें/a>/td> /tr> tr valigntop> td height10 aligncenter classhindi> /td> td height10 aligncenter classhindi> /td> /tr> tr valigntop> td colspan2 classhindi>div aligncenter>img srcimages/stammering-hindi.jpg stylewidth:100%; height:auto; border:5px solid #6B2F02;>/div>/td> /tr> tr valigntop> td height10 aligncenter classhindi>/td> td height10 aligncenter classhindi>/td> /tr> tr valigntop> td height10 colspan2 aligncenter classhindi>table width100% border0 cellspacing0 cellpadding5> tr> td width51% classnormala stylepadding-left:10; padding-right:5>p aligncenter>img srcimages/slide4.jpg width280 height165 border1 altIndia Speech Therapy Centre>br> /p>/td> td width49%>div aligncenter>img srcimages/slide2.jpg width280 height165 border1 altIndia Speech Therapy Centre>/div>/td> /tr> tr> td classnormala stylepadding-left:10; padding-right:5 >div aligncenter>Honourable Ex. Maharaja Mr. Bhawani Singh, Jaipur Inspecting the Centre./div>/td> td classnormala stylepadding-left:10; padding-right:5 >p aligncenter>Bhoop Singh Yadav receiving "Doctor Ratna Award" in New Delhi./p>/td> /tr> tr> td stylepadding-left:5> div aligncenter>br> img srcimages/slide1.jpg width280 height165 border1 altIndia Speech Therapy Centre>/div>/td> td classnormala stylepadding-left:10; padding-right:5 >p aligncenter>br> img srcimages/slide3.jpg width280 height165 border1 altIndia Speech Therapy Centre>br> /p>/td> /tr> tr> td classnormala stylepadding-left:10; padding-right:5 >div aligncenter> Shri Ashok Gahlot Honourablebr> Chief Minister Rajasthan Inspecting br> India Speech Therapy Centre./div>/td> td classnormala stylepadding-left:10; padding-right:5 >div aligncenter> Bhoop Singh Yadav receiving Dr. Ambedkar Fellowship Honour in New Delhi./div>/td> /tr> /table>/td> /tr> tr valigntop> td height10 aligncenter classhindi> /td> td height10 aligncenter classhindi> /td> /tr> tr valigntop> td width48% classhindi>वेबसाईट- b>www.indiaspeechtherapyjaipur.org /b>/td> td width52% classhindi> div aligncenter stylefont-size:16px;>श्री भूप सिंह यादव, (स्पीच गुरु)/div>/td> /tr> tr valigntop> td classhindi >ई मेल- b >info@indiaspeechtherapy.org/b> /td> td classhindi>div aligncenter > डॉ. अक्षय यादव (MBBS) /div>/td> /tr> tr valigntop> td width48% classhindi>मो.- b > +91-9414062108, +91-9799180108/b>/td> td width52% classhindi> div aligncenter>मेहन्दी का बास, आमेर/div>/td> /tr> tr valigntop> td classhindi>फोन- b >0141-2530108/b> /td> td classhindi> div aligncenter> जयपुर, राजस्थान ( भारत)/div>/td> /tr> /table>/td> /tr> /table>/td> /tr> tr> td> /td> /tr> /table>/td> /tr> tr> td height2>/td> /tr> tr> td bgcolor#EE712F height27 aligncenter>font color#FFFFFF size2 faceVerdana, Arial, Helvetica, sans-serif>© 2012 All Rights Reserved,strong> India Speech Therapy Centre/strong>® | Site Designed & Developed by a hrefmailto:info@sscompusoft.com styletext-decoration:none; color:#A03E02;>strong>S.S.Compusoft/strong>/a>/font>/td> /tr> /table>/td> /tr>/table>/body>/html>
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